सीखे नित नूतन ज्ञान,नई परिभाषाएं, जब आग लगे,गहरी समाधि में रम जाओ; या सिर के बल हो खडे परिक्रमा में घूमो। ढब और कौन हैं चतुर बुद्धि-बाजीगर के? गांधी को उल्टा घिसो और जो धूल झरे, उसके प्रलेप से अपनी कुण्ठा के मुख पर, ऐसी नक्काशी गढो कि जो देखे, बोले, आखिर , बापू भी…